by Monika Rana | Dec 4, 2017 | Floating Thoughts
The man often finds his happiness in others though the actual happiness is inside him. We accuse others, we try to put blames on them despite knowing the fact that we are responsible for everything. If we’re in a tough situation and we don’t know how to...
by Monika Rana | Nov 27, 2017 | Floating Thoughts
What do you think what life is? Life can’t be defined because it is not confined and should not be confined in set rules. Life is not to breath only. Life can’t be defined in words. For some people life is just to make money, but for some life is full of...
by Monika Rana | Nov 12, 2017 | क्षणिका
मुक्त हो जो ऐसा इक जहान दे दे,मैं उन्मुक्त उडू छूने ऊंचाइयां, ऐ खुदा मेरे पंखों को ऐसी उड़ान दे दे। कोई गगन अब छूटने न पाए, कोई दिशा भी खाली न रहे, मैं बहुं अब चारों और, ऐ खुदा मुझे उन हवाओं सा बहाव दे दे। मुझे मैं से करके जुदा,मेरे अंदर का दीदार दे दे, मैं बाँट सकू...
by Monika Rana | Nov 8, 2017 | क्षणिका
ये किस्सा आम नहीं,पर आम लोगो का है, जो दर्द सहता है,अमीरों की इस भीड़ में तन्हा-तन्हा सा रहता है | जिसके सर पर सर्द रातें ढ़लती हैं, घर में पेट खाली और भूख पलती है | जिसे नंगे बदन के बेआबरू होने का ख़ौफ़ नहीं, उसके शिथिल होने की चिंता की चिता जलती है |...
by Monika Rana | Nov 6, 2017 | क्षणिका
ज़िन्दगी बहुत हसींन है, सर पे आसमां,पैरों तले ज़मीन| ज़िन्दगी इक ख्वाब है, जी ले इसे खुल कर,ज़िन्दगी कल नहीं आज है| क्यों तू कल के इंतज़ार में, जो है पास खो रहा,पल-पल क्यों है रो रहा...
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